Wednesday, April 1, 2009
विश्व के शीर्ष नेताओं ने गूगल से ब्लॉगर सेवा को बंद करने का अनुरोध किया
इंग्लैंड में जुटे दुनिया के शीर्ष जी-20 देशों के नेताओं ने पहले दिन एक स्वर से गूगल की ब्लॉगर सेवा बंद करने पर सहमति जतायी। पता चला है कि पहले ही दिन की बैठक में अचानक यह मसला बातचीत के केंद्र में आ गया। चीन ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि ब्लॉग लेखन के जरिए उसके देश में दुष्प्रचार (मानवाधिकारों के हनन का) किया जा रहा है। इससे सरकार के कामकाज और उसकी आलोचना भी लोगों के बीच तेजी से फैलती जा रही है। ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश में बेरोजगारों ने ब्लॉग के जरिए सरकार विरोधी अभियान चला रखा है। भारत के प्रधानमंत्री ने भी इस मसले पर सहमति जताते हुए कहा कि उनके यहां राजनीतिक विरोधियों (जैसे छत्तीसगढ़ में एक डॉक्टर आदि) को जेल में ठूंसने के खिलाफ ब्लॉग के जरिए प्रचार किया गया। साथ ही नेताओं, मीडिया संस्थानों/दिग्गजों, राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ ब्लॉग पर जमकर लिखा और पढ़ा जा रहा है। उन्होंने भारत के शीर्ष हिन्दी अखबार की महिला संपादक समेत न्यायपालिका के शीर्ष निकायों द्वारा हाल ही में ब्लॉग के बढ़ते खतरे की चिंताओं का जिक्र भी किया। तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि कई देशों में ब्लॉगरों ने ईशनिंदा या धार्मिक कट्टरता के खिलाफ बोलने के लिए ही ब्लॉग का सहारा लिया। लगभग सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने एक स्वर में चिंता जताई कि ब्लॉग के जरिए बिना कोई पैसा खर्च किए आम लोगों को अपनी बात रखने का औजार दे देना चिंतनीय बात है। इससे लोगों को सरकार, नेताओं, अधिकारियों, पार्टियों, धार्मिक नेताओं (और धर्म पर टिकी चुनावी पार्टियों) के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का मौका मिलेगा जो मौजूदा वर्ल्ड सोशल आर्डर (विश्व सामाजिक व्यवस्था) के लिए सही नहीं है। सबसे अंत में ओबामा ने इस पूरे मुद्दे को अमेरिका का पुरजोर समर्थन देते हुए कहा कि ब्लॉग ने अमेरिकी प्रशासन के लिए भी मुसीबत खड़ी की हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बुश पर इराक में जूता फेंकने की घटना ब्लॉग के जरिए ही चंद मिनटों में दुनिया भर में पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका इराक की भांति दुनिया भर में लोकतंत्र स्थापित करने के अपने मिशन में जुटा रहेगा, इसलिए ऐसी घटनाएं भविष्य में हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि अब ऐसे संचार साधनों पर लगाम कसी जाए जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी दिखा देने को आजाद हैं। उन्होंने कहा कि वे जी-20 के नेताओं की भावना से गूगल कंपनी को वाकिफ कराएंगे और उनसे ब्लॉगर सेवा तत्काल बंद करने को कहेंगे।
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6 comments:
ग्लॉबल वार्मिंग के लिए ब्लॉगर जैसी सुविधाएं जिम्मेदार है. अतः जी20 का अनुरोध स्वागत योग्य है.
इसे तुरंत प्रभाव से बंद कर देना चाहिये इससे प्रतिदिन दुनिया भर के ९८६७८९०४७५४६ ५३२७४२३८५२१७८९८९०४३२९६८९८२३२६२३५४५२९८२९०८५२४३५७२४३८९५२३६५२३९८५२४३५७९०४३६९५५४०७७८४२३६४२३७४९८२३०२३०२३ मानव का्र्य घंटो का नुकसान होता है
संजय जी व पंगेबज़ जी से सहमत हूँ ।
http://mukti-kamna.blogspot.com/
..........तो होना ही था !
भारत के प्रधानमंत्री के वक्तव्य का कोई सन्दर्भ बताएँगे
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