Wednesday, September 24, 2008

क्या..?? भगतसिंह जन्मशताब्दी वर्ष समाप्त होने वाला हैं!

भगतसिंह जन्मशताब्दी वर्ष बीत गया और राष्ट्रिय पैमाने पर कोई आयोजन नहीं हुआ। सरकार ने जैसे-तैसे औपचारिकता निभा दी। भला हो कुछ स्वतंत्र छात्र-नौजवान संगठनो का जो कभी दिल्ली की बसों में तो कभी दिल्ली, लखनऊ, अलाहाबाद, गोरखपुर और पंजाब जाने वाली ट्रेनों में पर्चे बांटे, गीत गाते, नारे लगाते दिख जाते थे। वरना सरकार की कृपा से तो यह ऐतिहासिक मौका चुपचाप निकल जाता। ये संगठन smritisankalp के ब्लॉग के ज़रिये भी क्रांतिकारियों के विचारों को लोगों तक पहुंचा रहे हैं। जन्मशताब्दी वर्ष के समापन कार्यक्रम को लखनऊ का राहुल फाउंडेशन भी अपने अंदाज़ में मना रहा हैं। २६ तारीख को त्रिवेणी ऑडिटोरियम में शाम ५.३० बजे एस इरफान हबीब की किताब 'बहरों को सुनाने के लिए' का विमोचन होने जा रहा हैं। इस ऐतिहासिक मौके पर हम सबको ज़रूर क्रांतिकारियों को श्रीधांजलि देने की लिए ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए।

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