हमारे नेता आजकल आम आदमी की सुरक्षा की फिकर में दुबले हुए जा रहे हैं। चुनाव जीतने पर सुरक्षा और शांति की बम्पर गारंटी का सुनहरा ऑफर परोसा जा रहा है। क्या इनकी बात पर विश्वास कर लेना चाहिए या इनकी बात से वह मतलब निकाल लेना चाहिए जो इनकी बात से असल में निकल रहा है। बहरहाल बेर्टोल्ट ब्रेष्ट जर्मनी के मशहूर कवि थे जो अपनी चुटीली शैली की कविताओं के लिए दुनिया भर में खासे सराहे-पढ़े जाते हैं। उन्हीं के शब्दों में नेता और किस्सा शांति का जानते हैं...
जब नेता शान्ति की बात करते हैं
जब नेता शान्ति की बात करते हैं
आम आदमी जानता है
कि युद्ध सन्निकट है
नेता जब युद्ध को कोसते हैं
मोर्चे पर जाने का आदेश
हो चुका होता है।
------ बेर्टोल्ट ब्रेष्ट
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5 comments:
बहुत सही कहा है उन्होनें।
बढ़िया कहा-अच्छा अनुवाद!!
बहुत सही कहा है उन्होनें।
jo kahte hain samjho uska ulta hone wala hai
narayan narayan
जंगल में अचानक बकरी और उसके बच्चे के सामने शेर आ गया। दोनो थर-थर कांपने लगे। पर शेर ने पास आ बच्चे के सर पर हाथ फेरा, बकरी को नमस्कार कर पूछा, बहन कैसी हो? कोई तकलीफ हो तो बताना और चला गया। अचंभित बच्चे ने पूछा, मां यह कैसा गजब।
बकरी बोली, कुछ नहीं बेटा, लगता है चुनाव आ गये हैं।
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